भोजपुरी के लाल – लाल बिहारी लाल

सोनू गुप्ता।

नई दिल्ली। भोजपुरी के माटी बिहार के सारण(छपरा)जिला के गांव आ पोस्ट भाथा सोनहो में 10  अक्टूबर,1974 के एगो साधारण शिक्षक परिवार में लाल बिहारी गुप्ता लाल” के जन्म भइल। श्री  लाल की सुरुआती शिक्षा-दीक्षा गांव के लगही प्राथमिक आ माध्यमिक विद्यालय में भइल। शिक्षा के बाद श्री लाल नौकरी  के तलाश में दिल्ली अइले आ 1995 में भारत सरकार के पर्यावरण आ वन मंत्रालय में नौकरी लाग गईल। श्री लाल नोकरी में पद्दोन्नति के बाद साल 2007 से वाणिज्य आ उद्योग मंत्रालय,नई दिल्ली के औद्योगिक  नीति आ संवर्धन विभाग में कार्यरत बानी। श्री लाल  के शुरु से ही साहित्य में  गहरी रुचि रहे। एकर परिणाम ई रहल कि 1986 में इनकर पहली कविता महंगाई”  क्षेत्र के  साप्ताहिक पत्रिका परसा टाइम्स में छपल । इकरा बाद सारण के  लाल, देश के पहरेदार आदी में छपल। फिर इहां के भोजपुरी कविता आ गीत लिखे के शुरु कइनी। इनकर पहिला एलबम गंगा कैसेट्स सो 1994 में रिकार्ड भइल पर रिलीज भइल 1995 में  टी.-सीरीज से – खटिया धीरे से सरकाना।एकरा बाद इहां के गीत एच.एम.बी.से तंबू में बंबू फिर वीनस से-कहिया ले करबू आनाकानी, माई के जगराता, रामा, मैक्स, मैक,गंगा,चंदा,जयंती यू.की.राजासोनूटेक.साईं कैसेट्स,निसेंधू  फिल्मस,आर-म्यूजिक आदी कंपनी खातिर सैकडो गीत लिखले बानी जे बाजार में बा। और अपना समय में इनकार गीत काफी हिट भी रहल।इहां के हिंदी  में दूगो  ब्यंग्य एलबम -फंस गया मोरी गेट में तथा चाची की दवा लो लिखले बानी जे  काफी सुपर-डुपर हिट रहल। भोजपुरी गीतो में असलीलता के बढत प्रभाव के कारण इहां के  रुझान हिंदी साहित्य में भइल फिर पर्यावरण के बारे में काफी लिखनी परिणाम ई भइल कि मारिशस के उच्चायुकत-श्रीमती यू.सी. द्वारका कैनावेदी द्वारा एगो साहित्यिक मंच पर सन 2004 में राष्ट्र गौरव सम्मान से सम्मानित कइल गइल। फिर 2006 में मरिशस के पर्यावरण आ वन मंत्री श्री अनिल बाछू द्वारा भी सम्मानित भइनी। सन 1996 से अभी तक श्री  लाल को लगभग 90 गो सम्मान विभिन्न सरकारी(भारत सरकार के पर्यावरण आ वन मंत्रालय,उद्योग मंत्रालय,प्रदूषण निंयंत्रण बोर्ड,उ.प्र.)हिंदी अकादमी,दिल्ली सरकार,साहित्य अकादमी,हरियाणा सरकार सहित  देश के विभिन्न प्रदेश के अनेक गैर सरकारी संस्था द्वारा सम्मानित भइल बानी। श्री लाल के जीवनी आ कविता/लेखनी पर जींद,हरियाणा से प्रकाशित मासिक पत्रिका रविन्द्र ज्योति 2009 में, दूर्गम खबर 2011 में तथा मासिक मैट्रो टच 2012 एवं 2015 में विशेषांक प्रकाशित कर चुकल बा। लाल अबही तक कविता संकलन समय के हस्ताक्षर (2006),लेखनी के लाल(2007),माटी के रंग  (2008),धऱती कहे पुकार के(2009) तथा वर्ष 2012 में कोलकाता से तीन भाषा में प्रकाशित साहित्यिक पत्रिका साहित्य त्रिवेणी के पर्यावरण आ वन विशेषांक के अतिथि संपादन भी कइले बानी। रविन्द्र ज्योति 2015 में अका पर विशेषांक निकाल चुकल बा। एकरा अलावे सन 2017 में लाल कला मंच एवं खुशबू विकास सहयोग समिति के सहयोग से बदरपुर दिग्दर्शिका का भी संपादन कइले बानी। श्री लाल के हजारों रचना देश के सैकडो पत्र आ पत्रिका में प्रकाशित हो चुकल बा।श्री लाल ,लाल कला संस्कृतिक एवं सामाजिक चेतना मंच(लाल कला मंच)रजि. के संस्थापक सचिव भी बानी जे दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्र में सामाजिक,सांस्कृतिक आ साहित्यिक संवर्धन के  बा-खूबी अंजाम देता। एह संस्था के तहत नवोदित बच्चा लोग के हर साल रंग अबीर उत्सव के मार्फत मंच प्रदान करीले। इनकर भोजपुरी कविता क्रान्ति बी.आर .अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय के स्नातक(बी.ए.) तथा नालंदा ओपेन विश्वविद्यालय के स्नातकोतर(एम.ए.) में पढ़ावल जाला । इनकर कई गो रचना भोजपुरी साहित्य सरिता में छप चुकल वा। उन्हें 2रा राष्ट्रीय भोजपुरी सम्मेलन में भी बाबू रघुबीर नरायण सम्मान से सम्मानित भइल रही। एह साल जनवरी में अनुराधा प्रकाशन द्वारा भी साहित्य श्री सम्मान तथा हाल ही में नवजागरण प्रकाशन द्वारा साहित्य सर्जक सम्मान से सम्मानित भइनी ह । इहां के हाल ही में एम.आई मीडिया सै हिंदी में देवी गीत मैया मेरी  रिलीज भइल हा.जेकरा के आवाज देले बारी कंचन प्रिया। इनका संपादन मंडल में अनुराधा प्रकाशन,दिल्ली से बहुत जल्दी हाइकू के संकलन सीप में मोती आवे वाला बा। भोजपुरी साहित्य सरिता पत्रिका परिवार इहां जन्म दिवस पर हार्दिक बधाई देता आ इहां के विकास आ  उन्नति के कामना करता।

Related posts

Leave a Comment